Shivling Size
2 inch Shivling ( Thumb Size)
4 inch yoni base
Shipping - free shipping (India only)
Another countries - extra charges for delivery
Delivery time - 7 to 10 days
Delivery partners -
DTDC, FedEx, India speed post, TCI express ,etc.
Material - Narmada river stone
Energy level - higher
Hardness - high
Purpose - home temple
हिन्दू धर्म में शिवलिंग ( Shivling in Hinduism )
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार घरों में शिवलिंग की स्थापना अतिमहत्वपूर्ण मानी जाती है.शिवलिंग होने से घर में सुख एवम् शांति बनीरहती है. वैसे तो आपने कई प्रकार के शिवलिंग के बारे में सुना होगा लेकिन हम आपको यहाँ शिवलिंगों में सबसे विशेष नर्मदेश्वरशिवलिंग के बारे में,इसके फायदे और पहचान करने के तरीके बताएँगे और ये भी बताएँगे कि आखिर क्यों आपको अपने घर में नर्मदेश्वरशिवलिंग की प्रतिष्ठा रखनी ही चाहिए. इस शिवलिंग का नाम सुनते ही सबसे पहला सवाल आपके मन में आता है
Original Narmadeshwar Shivling की पहचान के लिए उस शिवलिंग में देखें कि उसमें संगमरमर की तरह चमक हो, वह शुद्धऔर छेद रहित तथा ठोस हो। असली नर्मदेश्वर शिवलिंग प्रकृति से काफी वजनदार होते हैं। सबसे बड़ी narmadeshwar shivling ki pahchan तो यह है कि इन्हें केवल नर्मदा नदी के निकट ही पाया जाता है। नर्मदा नदी के निकट बंकावा नामक गाँव में नर्मदा नदी सेनिकले स्वयंभू शिवलिंग को तराशे जाने के कार्य किया जाता है।
क्या है नर्मदेश्वर शिवलिंग?( What is Narmadeshwar Shivling? )
Narmadeshwar Shivling शिवलिंगों में सबसे प्रख्यात शिवलिंग है.इस शिवलिंग को बाणलिंग (banalinga) भी कहते हैं. चूँकियह पवित्र नर्मदा नदी के किनारे पाया जाने वाला एक विशेष गुणों वाला शिवलिंग है इसलिए इसका नाम नर्मदेश्वर शिवलिंग(Narmada Shivling) है और बाणलिंग से ज्यादा नर्मदेश्वर शिवलिंग नाम ज्यादा प्रचलित है.
हिन्दू धर्म में शिवलिंग की पूजा का काफी महत्व बताया गया है। शिवलिंग पूजा में भी नर्मदेश्वर शिवलिंग का सबसे अधिक महत्व है।नमर्दा नदी से निर्मित होने वाले Narmadeshwar Shivling समेत इस नदी का कण-कण शिव है।
नर्मदा पुराण की माने तो नर्मदा शिव की पुत्री है जिन्हें भगवान शंकर का वरदान प्राप्त है। इसलिए narmada river shiva lingam stone को सबसे पवित्र माना जाता है।
मान्यता है कि नर्मदा नदी में स्नान करने से वही फल प्राप्त होता है जो गंगा स्नान से प्राप्त होता है। इस नदी से निकलने वाले हर पत्थरपर भोलेनाथ की कृपा है। इस प्रकार narmada shivling भी अत्यधिक ख़ास है।
Narmadeshwar Shivling Benefits (हिंदी में नर्मदेश्वर शिवलिंग लाभ)
Narmadeshwar shivling को ही बाणलिंग कहा जाता है आइये जानते है banalinga benefits के बारे में :
1. घर में सकारात्मक शक्तियों का आगमन होता है और मन भी शांत रहता है।
2. narmada stone shivling की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. यह व्यक्ति के तामसिक गुणों जैसे – क्रोध, ईर्ष्या, घृणा और अहंकार को समाप्त करता है।
4. घर के वास्तु दोष का खात्मा नर्मदेश्वर शिवलिंग के फायदे है।
नर्मदेश्वर शिव लिंग पूजा विधि :
1. प्रातःकाल स्नान करें और शिवलिंग को किसी बड़े थाल में शिव जी प्रतिमा के आगे रखें।
2. इसके पश्चात भगवान शिव की प्रतिमा के आगे बेलपत्र और नैवेद्य अर्पित करें।
3. फिर शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
4. उसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें और ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
5. साथ ही लिंगाष्टक स्तोत्रम् का पाठ भी कर सकते हैं।
6. थाल वाले जल को किसी पौधे में डाल सकते हैं।
गंगा ,यमुना ,तथा सरजू अदि पावन नदियों के स्नान करने से जो फल मिलता है वह फल नर्मदा के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता हैपुराणों के अनुसार नर्मदा शिव पुत्री होने के कारण नर्मदा को शाग्री भी कहा जाता है जब भगवान भोलेनाथ मेकल पर्वत पर तपस्या में लींन थे तब देवताओ ने उनकी स्तुति करके उन्हें तपस्या से जगाया तो उनके शारीर से पसीने की कुछ बुँदे पर्वत पर गिरी इन्ही बूंदों से एक कुंड का प्रादुर्भाव हुआ.
फिर इस कुंड से एक बारह वर्ष की कन्या उत्पन्न हुई जो सुन्दरता की मूरत थी तथा जिसको देखने पर सुखद अनुभव होता था अत्यंत रूपवती होने के कारण देवताओ ने उसका नाम नर्मदा रखा (नर्म का अर्थ है- सुख और दा का अर्थ है- देने वाली) जिसे नर्मदा नदी के नाम से जानते है| इसका उदगम मेकल पर्वत से होने के कारण इसे मेकल सुता भी कहते है जब यह पर्वतीय क्षेत्र से बहती है.
तब रोव की आवाज करते हुए आगे बढती है इसलिए इसे भक्तजन रेवा भी कहते है नर्मदा को मध्यप्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है यह उत्तर और दक्षिण भारत के बिच एक पारम्परिक शीमा की तरह कार्य करती है यह अपने उद्वागम से पश्चिम की 1,312 किमी चल कर खम्भात की खाड़ी में जाकर मिलती है.
माँ नर्मदा नदी करोडो लोगो की आस्था का प्रतिक है इसे जीवनदायिनी भी कहा गया है नर्मदा नदी मध्य प्रदेश और गुजरात की प्रमुख नदी है जिसके किनारों पर 10 हजार तीर्थ स्थल है जहां सभी नदिया पश्चिम से पूर्व की और बहती है और बंगाल की खाड़ी में समाहित होती है वही नर्मदा नदी एक ऐसी नदी है जो पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती है और अरबसागर में विलीन हो जाती है.
नर्मदा नदी लम्बाई 1,312 किमी है भोगोलिक स्थति के अनुसार देखते हुए नर्मदा लिफ्ट वेली में होने के कारण भी उल्टी दिशा में प्रवाहित होती है पुराणों के अनुसार -नर्मदा नदी के बारे में कहा जाता है कि यह राजा मैखल की पुत्री थीं। नर्मदा के विवाह योग्य होने पर मैखल ने उनके विवाह की घोषणा करवाई। साथ ही यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति गुलाबकावली का पुष्प लेकर आएगा.
हम आपको नर्मदा नदी के महत्व के बारे में बतायेगे प्राचीन ग्रंथो जो रेवा नदी का उल्लेख मिलता है वह रेवा नदी और कोई नही नर्मदा ही है जिसे माँ रेवा के नाम से भी जाना जाता है नर्मदा ही एक ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है भक्तजन बड़ी आस्था से माँ नर्मदा की परिक्रमा करते है नर्मदा को पापनाशिनी भी कहा जाता है। नर्मदा शब्द ही मंत्र है और नर्मदा कलियुग में अमृत धारा है। नर्मदा के किनारे तपस्वियों की साधना स्थली भी हैं और इसी कारण इसे तपोमयी भी कहा गया है.
जिसके दर्शन से ही समस्त पापो का नाश हो जाता है नर्मदा नदी का हर कंकर शक्कर के रूप में पूजा जाता है क्युकी नर्मदा नदी ही ऐसी नदी है जिसके तल से निकले शिवरुपी शिवलिंग निकलते है जिसे नर्मदेश्वर शिवलिंग कहते है नर्मदा से निकले नर्मदेश्वर शिवलिंग साक्षात भोले नाथ स्वरूप होते है जिनकी पूजा करने से अनेक लाभ मिलते है नर्मदेश्वर शिवलिंग स्वयंम्भू होते है.
जिसको प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नही होती है इन्हे नर्मदा से लाकर सीधे स्थापित किया जा सकता है नर्मदेश्वर शिवलिंग अत्यंत पवित्र और पावन होते है जिनसे सकारातमक उर्जा प्रवाहित होती रहती है जो कोई भी नर्मदेश्वर शिवलिंग घर में स्थापित करता है उसको शांति तथा सुख की प्राप्ति होती है घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग रखना शुभ माना गया है.
नर्मदेश्वर शिवलिंग केवल नर्मदा नदी से ही निकलते है क्युकी माँ नर्मदा को वरदान प्राप्त है की नर्मदा से निकला हर कंकर शंकर के रूप में पूजा जायेगा पुरानो में कहा गया है की प्राचीन काल में नर्मदा नदी ने जब गंगा नदी के समान होने के लिए निश्चय किया और ब्रह्मा जी की तपस्या करने लगी क्योकि ब्रह्मा जी ही एक ऐसे देवता है जो वरदानो के लिए प्रसिद्ध है|किसी भी देवता या दानव को जब वरदान प्राप्त करना रहता था.